भारत ने इंडिका सफेद चावल (indica white rice) की विदेशी अनाज बिक्री पर बैन लगा दिया था, जिससे दुनियाभर में इसका असर हुआ और कीमतें आसमान छू रही हैं। एचटी की खबर के मुताबिक, खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत चावल का टॉप एक्सपोर्टर है, बैन लगाने के चलते कीमतों असर देखने को मिला है।
दुनियाभर में महंगाई पहले से ही अपना असर दिखा रही है। ताजा मामला अब चावल की महंगाई (rice price surge) से जुड़ गया है. दुनियाभर में चावल की कीमत 15 साल में सबसे ऊंचे लेवल पर चला गया है। इसकी वजह है भारत की तरफ से लिया गया एक एक्शन है।
9.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी
खबर के मुताबिक, एफएओ ने एक मंथली रिपोर्ट में कहा कि जहां अगस्त में पूरी दुनिया में खाद्य कीमतों में कमी आई, वहीं चावल (rice) की कीमतों में पिछले महीने की तुलना में 9.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई। एचटी की खबर के मुताबिक,इसमें कहा गया है कि बैन की अवधि के बारे में अनिश्चितता और एक्सपोर्ट बैन पर चिंताओं के चलते सप्लाई चेन एक्टर्स को स्टॉक रखने, करार पर फिर से बातचीत करने या मूल्य की पेशकश बंद करने पर मजबूर होना पड़ा, जिससे ज्यादातर व्यापार का वॉल्यूम कम हो गया और बिक्री सीमित हो गई।
घरेलू बाजार में कीमतों पर कंट्रोल के लिए लिया था एक्शन
भारत ने जुलाई में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, जो उसके कुल निर्यात का लगभग एक चौथाई है। उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्रालय ने उस समय कहा था कि यह कदम पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और घरेलू बाजार में कीमतों (rice price) में बढ़ोतरी को कम करेगा।
चावल (Rice price) दुनिया का एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है और कोविड महामारी, यूक्रेन में युद्ध और उत्पादन स्तर पर अल नीनो मौसम की घटना के प्रभाव के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतें (rice price surge) बढ़ गई हैं।